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: हमारे देश में एक चलन सा हो गया है की जब कभी किसी व्यक्ति की कुछ प्रशिद्धि हो जाती है तो वह अपने को महान व्यक्तियों की श्रेणी में समझाने लगता है, खास कर पेशे से वकील कुछ भूतपूर्व कानून के मंत्रियों को तो यह बीमारी बहुत अधिक हो गई है, अभी कल की ही बात है इंदिरा गाँधी केस से प्रशिद्धी पाए पेशे से वकील भूतपूर्व कानून मंत्री श्री शांति भूषण ने जिनके सुपुत्र सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की कार्यवाही झेल रहे हैं, ने पुत्र प्रेम में धृष्टराष्ट्र बन कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आठ प्रधान न्यायाधिशो को भ्रष्ट बताकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया और यह उन्होंने किसी प्रमाण के साथ नहीं कहा है केवल सुनीसुनाई बातों पर आधरित बताया है और साथ में तुर्रा यह की उनकी इस पिटीशन को किसी विशेष बैंच द्वारा नहीं बल्कि पूरी अदालत द्वारा सुना जाना चाहिए यानि की सुप्रीम कोर्ट को वह अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं | इसी प्रकार से एक और प्रशिद्ध वकील है श्री राम जेठमलानी वह भी कभी कानून के मंत्री रह चुके है तथा वह ऐसे व्यक्ति हैं जिस डाल पर बैठते हैं उसे ही कटते हैं इसका एक उदहारण है की जब वह कानून मंत्री थे तो उस समय के प्रधान मंत्री श्री बाजपाई जी ने उनकी करतूतों से तंग आकर उनसे दूरभाष पर ही त्याग पात्र ले लिया था परन्तु आज वह फिर उसी पार्टी के राज्य सभा के सदस्य है और अदालती कार्यवाही झेल रहे कुछ मंत्रियों का केस भी लड़ रहे हैं तथा केस को मेरिट पर न लड़ कर वह भी न्यायाधीशों पर आरोप लगा रहे है, इसी श्रेणी में एक और भूतपूर्व कानून मंत्री जो पेशे से वकील है श्री हंस राज भारद्वाज आजकल किसी राज्य के राज्यपाल है आये दिन कुछ-न-कुछ बोलते हे रहते है | हम इसको क्या समझें की यह लोग समाज में परिवर्तन के लिए कुछ कर रहे हैं या यह भी प्रशिद्धि पाने का एक और हथियार है \ क्या यह सभी महानुभाव जनता को यह बताने की जुर्रत करंगे की इन्होने अपने कार्यकारी जीवन में कितने गरीब, लाचार , लोंगो के मुकद्दमे बिना फीस के कब और कहाँ पर लड़े और जीते या अन्याय के खिलाफ कितने मुकद्दमो में अपना अपना योगदान किया | पता नहीं देश की जनता को कौन सा सन्देश देना चाहते इस प्रकार की मनोवृति के लोग. मुझे तो ऐसा लगता है की इस देश में एक बार कानून मंत्री बनाने के बाद व्यक्ति अपने को हर कानून से ऊपर और कानून का प्रतिपादन करने वाले जजों को छोटा समझाने की आदत सी हो गई है \ एस.पी.सिंह,मेरठ
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