Menu
blogid : 2445 postid : 540

Jagran Junction Forum –समाजवादी पार्टी की सरकार – बदलेगी छवि या फिर लौटेगा गुंडाराज?

पाठक नामा -
पाठक नामा -
  • 206 Posts
  • 722 Comments

1. क्या उत्तर प्रदेश में फिर से गुंडाराज का आगमन हो चुका है? :- यह तो सुनिश्चित है की जब जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है कुछ गुंडों के द्वारा राज्य में अराजकता का आतंक जरूर फैला है अब उसे गुंडा राज या गुंडों के द्वारा चलाया जा रहा राज्य कुछ भी कह सकते है क्योंकि जब जब समाजवादी पार्टी की सरकार का राज्य देश के सबसे बड़े भू भाग पर हुआ है तब तब एक विशेष जाति के पुलिस कर्मियों का कब्ज़ा इस भू भाग पर हो जाता है ऐसा मैं नहीं कह रहा हूँ यह तथ्य रिकार्ड में हैं और वह मन माने ढंग से अपना शासन चलाते है कहीं किसी की कोई सुनवाई नहीं होती प्रत्येक थाने और पुलिस चौकी पर एक विशेष जाति के कर्मी तैनात होते है इस बात में कोई भी अतिश्योक्ति नहीं है ? यह तो इसी बात से और पुष्ट होता है कि अभी मुख्या मंत्री ने सपथ भी नहीं ली है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादियों ने अपना कहर ढाना आरम्भ कर दिया है यह तो केवल टेलर ही है पिक्चर अभी बाकी है

2. क्या समाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी कहना सही है?:- यह तो इसी बात से परिलक्षित होता है की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं एक पहलवान रहे है और हम लोक-सभा में देखते है कि चाहे बात महिला आरक्षण की हो लोकपाल बिल की बात हो यह कोई भी व्यापक राष्ट्रीय हित के मुद्दे हों उन पर अध्यक्ष जी आस्तीन चढ़ा कर अपना आक्रोश हमेशा दिखाते रहे है ? या पीछे देखें तो राम मंदिर आन्दोलन में सरकार द्वारा गोलिया चलाना – या उत्तराखंड आन्दोलनकारियों पर यु.पी. मुजफ्फर नगर के रामपुर तिराहा का कांड जिसमे महिलाओं का उत्पीडन और आन्दोलनकारियों पर अत्याचार सबकुछ समाजवादी पार्टी के खाते में ही है इसलिए समाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी कहने पर कोई अतिश्योक्ति नहीं है – क्योंकि समाजवादी पार्टी के द्वारा सुशासन की बात सोचना बेमानी होगा इस लिए इस पार्टी के विषय में आगे के लिए आप कुछ भी सोंच सकते है ? क्योंकि पार्टी में लोकतंत्र के नाम पर केवल बाप बेटा भाई बहु चाचा आदि ही है ?

3. क्या समाजवादी पार्टी को पर्याप्त बहुमत एक शांतिपूर्ण शासन का संकेत है? लोकतंत्र में जहाँ पूर्ण बहुमत की सरकार होना एक स्थिरता का लक्षण है वहीँ जनहित में यह अशुभ लक्षण हैं शांति पूर्ण शासन और स्थिर शासन में बहुत अंतर है : जहाँ पूर्ण बहुमत की स्थिति,स्थिरता को जन्म देने के साथ साथ निरंकुशता को प्राश्रय देती है वहीँ अल्पमत का शासक हमेशा चौकन्ना हो कर जनहित में शासन को चलता है और हमेशा जनता की भलाई के कार्य करता है — क्योंकि सम्पूर्णता व्यक्ति में दंभ का निर्माण करती है –इस लिए समाजवादी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत होना शांति पूर्ण शासन का संकेत कदापि नहीं हो सकता ? जिस प्रकार ” कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय | ये खाए बौराय जग वो पाए बौराय | ”

4. क्या उत्तर प्रदेश में अखिलेश की राजनीति गुंडों का सफाया कर देग?:- ऐसा सोचने में कोई आपत्ति तो है नहीं परन्तु जामिनी हकीकत इससे सौ गुना भिन्न है इसमे कोई दो राय नहीं हो सकती की जिन गुंडों ने कुछ समय पहले तक हाथी की सवारी बहुत ही शान से की थी वह अब पैदल हो गए है इस लिए उन्हें सवारी तो चाहिए ही तो हाथी से उतर कर साइकल चलाने में हर्ज ही क्या है और रातों रात कुछ हाथी सवार ही नहीं और भी दूसरी राजनितिक पार्टियों के पैदल कारिंदे साइकल की सवारी को उतावले ही नहीं उन्होंने नई साइकल खरीद भी ली है केवल सवारी के इन्जार में हैं. दूसरी महत्त्व पूर्ण बात यह की अपने पहलवान पिता के अडंगेबाज आचरण के विपरीत समाजवादी पार्टी के नवनिवार्चित नेता अखिलेश यादव ने विधान सभा चुनाव में जिस प्रकार करोड़ों बेरोजगार नवयुवकों और छात्रों को फ्री लैपटॉप, टैबलेट , साइकल और बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान करके अपनी ओर आकर्षित किया और सफलता पाई अगर वह अपने इस वायदे को पूरा नहीं कर पाए तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश की राजनीति गुंडों का सफाया करना तो दूर इस असंतोष से जो नए गुंडे बनेगे उनसे पार पाना शायद संभव ही नहीं हो सकेगा क्योंकि विकट आर्थिक संकट के कारण ये सारे वायदे पूरे करना कभी भी संभव नहीं होगा ?
इस लिए जहाँ इतने सारे विरोधाभास हो समाज वादी पार्टी चाह कर भी अपनी छवि नहीं बदल पायेगी अगर मायावती के शब्दों को देखे नो उन्होंने यह कहा है की मेरी हार का सबसे बड़ा कारण ७० प्रतिशत मुस्लिम वोट का नहीं मिलना है ? इसलिए यह सारा वोट अगर समाजवादी पार्टी को गया है तो क्या इन सभी मुस्लिमों को अखिलेश संतुष्ट कर पाएंगे शायद नहीं ? इसलिए मेरा मानना है की समाजवादी पार्टी की सरकार की छवि बदलेगी कभी नहीं बदलेगी बल्कि गुंडाराज अवश्य लौटेगा ?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to JJ BlogCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh