Menu
blogid : 2445 postid : 661694

खोजी लाल की खुजली – मिटी क्या ???

पाठक नामा -
पाठक नामा -
  • 206 Posts
  • 722 Comments

खोजीलाल की खुजली

एक थे बेचारे मिस्टर खोजी लाल अपनी जवानी के दिनों में अपनी खोजी पत्रकारिता के बल पर अच्छे अच्छे दिग्गजों की लुंगी-धोती ही नहीं पैंट और पजामे भी ढीले कर देते थे यानि कि अपनी खोजी पत्रकारिता के बल पर ऐसा “तहलका” मचा देते थे कि लोग वाह! वाह !! करने को मजबूर हो जाया करते थे ? यहाँ तक कि जब खोजी लाल अपनी खोज का पुलिंदा खोलते थे तो मंत्रियों और संतरियों की कुर्सी उनके निचे खिसक जाया करती थी । और इस आड़ में खोजी लाल का पापी पेट भी भर रहा था भर ही नहीं रहा था करोडो का कार व्यापार भी चल ही रहा था। लेकिन इस पापी पेट की भी अजब कहानी है जब पेट भर जाता है तो मन में तरंगे भी जन्म ही नहीं लेती हिलोरे भी मारने लगती है अब वह दिल ही क्या जिसमे प्यार न हो और प्यार के लिए दिल का बूढा या जवान होना कोई मायने नहीं रखता दिल तो दिल ही है ? अपने
खोजी लाल के साथ भी यही हुआ । बेचारे खोजी लाल का जब पेट भर गया तो सांस्कृति कार्य कर्म भी होना ही चाहिए था जिस प्रकार राजा महाराज अपने मनोरंजन के लिए महफ़िल लगाया करते थे उसी प्रकार आज कल के धनवान लोग पांच सितारा होटलों में इंतजाम कर ही लेते है । अपने खोजीलाल भी देश की सबसे रोमांटिक नगरी गोवा में पहुँच ही गए अब कोई व्यक्ति गोवा जाए और मदमस्त न हो यह कैसे हो सकता है ।
विद्वान लोग कहते है होनी को कोई नहीं टाल सकता और होनी हो कर ही रहती है खोजी लाल के साथ भी यही हुआ और आ ही गए चक्कर में वह भी अपनी पुत्री की सहेली जो खोजीलाल से खुजली करने के गुण सीखने की लालसा रखती थी लेकिन र षोडशी कन्या को यह कौन समझाता कि कोई भी गुरु बिना गुरु दक्षिणा के किसी भी शिष्य को ज्ञान नहीं देता और अगर किसी शिष्य ने इतनी धृष्ठता कर दी कि गुरु कि मूर्ति के आगे बैठ कर ज्ञान प्राप्त भी कर लिया तो भी गुरु गुरुदक्षिणा अवश्य ही वसूल कर लेते है । लेकिन जब गुरु साक्षात् रूप में हो और वह भी यांत्रिक लिफ्ट में जो न तो नभ में थी और न पाताल यानि कि बीच अधर में हवा डोल रही थी तो खोजी लाल का मन भी डोल ही गया और लिपट गए षोडशी कन्या से वह भी एक बार नहीं दो दो बार – अब यह तो विधि का विधान है और हमारे देश में कानून भी है कि ऐसी बेहूदी हरकत के लिए चाहे गुरु हो या शिष्य – अनाधिकारिक रूप से किया गया इस प्रकार का आचरण अपराध किश्रेणी में आता है कन्या के विरोध ने भी विरोध स्वरुप वाद क्या दर्ज कराया खोजी लाल कि तो आफत ही आ गई ? माफ़ी मांगने के बाद भी गोवा पुलिस ने आपराध दर्ज करके अपने खोजी लाल को रिमांड पर क्या लिया बेचारे कि नानी दादी दोनो ही याद आ ही गई ? अब उन्हें पता लगा कि दूसरों को खुजली करने और अब जब अपने आप को खुजली हो रही है तो कैसा लग रहा है। खुजली लग रही है या गुदगुदी – हमें तो यह भी पता नहीं कि खोज लाल को अब मालुम हुआ या नहीं कि “ऊँठ पहाड़ के नीचे आया है या पहाड़ ऊँठ पर चढ़ बैठा है” लेकिन यह खुजली करना और खुजली होना भी किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के लिए शोध का विषय अवश्य हो सकता है । क्योंकि अब जब खोजी लाल को हवालात में गर्मी से खुजली हो रही है तो पुलिस उन्हें एक साधारण पंखा भी नहीं उपलब्ध करा रही है ? अब यह बात हम उनसे कैसे पूंछे क्योंकि अभी तो वह खुद पुलिस कस्टडी में है आप चिंता न करे उनके बहार आने पर उनसे ही पूंछ कर आप को भी बताएँगे ? धन्यवाद !
एस पी सिंह, मेरठ

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh