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५६ इंच चौड़े सीने के मालिक लोगों को ……… शक क्यों है ! ????

पाठक नामा -
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एक दिन सुबह सबसे पहले जिस खबर से वास्ता हुआ वह थी शहर में तेंदुआ घुस आया है लेकिन पकड़ा नहीं जा सका जब कि कैंट बोर्ड के अस्पताल में वह जनरल वार्ड में लगभग ८ घंटे तक विराजमान रहा ? और उसे पुलिस, सैनिक और वन विभाग के लोग पकड़ने के लिए बेताब थे परन्तु वह महाशय सब को धता बता कर सामने से कूद कर ग़ायब हो गए और पूरा शासन प्रशासन परेशान है ? अब हमारा भी रोज का यह कार्य क्रम हो गया है कि सुबह उठने के बाद सबसे पहले टी वी खोल कर बैठ जाते है कि तेंदुआ आज तो ज़रूर पकड़ा गया होगा ? क्योंकि अभी तक तेंदुआ पकड़ा नहीं गया है?

और अब तो हमारा यह नियम हो गया है कि जब भी मौका मिलता है सबसे पहले टी वी खोल कर बैठ ही जाते है / इसलिए आज जब टी वी खोला तो एक नेत्ता ही चीख चीख कर कर रहे थे देश को सुशासन देने और राज्य चलने लिए विकास की जरूरत है जिसके लिए ५६ इंच चौड़ा होना चाहिए और मेरा सीना ५६ इंच चौड़ा है . लेकिन जब हमने दूसरा चैनल लगाया तो एक नेता जी चिल्ला रहे थे “‘उत्तर प्रदेश का विकास करने के लिए ५६ इंच चौड़ा सीना नहीं ताकत चाहिए अगर किसी को मेरी ताकत आज़माना हो तो लंगोट पहन कर सामने आ जाये और कुश्ती लड़ ले / ” एक तीसरे चैनल पर एक परदेश के मुख्य मंत्री कह रहे थे – अमुक व्यक्ति तो मूंछ का बाल है और अमुक व्यक्ति पूँछ का बाल है !अब तो हमें ऐसा लगता है कि इस राजनितिक समर में लोगों के विचारों का ही दिवाला निकल गया है जहां मुहावरे भी सही ढंग से नहीं कहे जाते ? क्योंकि मूंछ और पूँछ का अंतर भी मर्दानगी से ही है मूंछ भी मर्द कि होती है पूँछ किसकी होती है सब जानते है : हम तो यह समझ ही नहीं पायेकि कि नेता गिरी के लिए किसी शारीरिक ताकत कि क्या जरूरत है उसके के लिए तो केवल जनता की स्वीकार्यता ही चाहिए / लेकिन एक चौथे चैनल पर एक पलटू टाइप नेता जी भी बोल रहे थे अब मैं झाड़ू लेकर आ गया हूँ मेरी पार्टी यानि कि आप कि पार्टी देश से सभी का सफाया कर देगी / और भारत की भोली भाली सक्षम जनता वोट भी दे ही देती है , लेकिन तभी एक चैनल पर देश के कानून मंत्री गुस्से से बेकाबू होकर चीख रहे थे अरे ! ५६ इंच चौड़े सीने के मालिक हमें तो तुम्हारे मर्द होने में ही शक है क्योंकि जब तुम्हारे प्रदेश में जनता का क़त्ले आम हो रहा तो और तुम आंखे मूंद कर चैन कि बंसी बजा रहे थे भले ही तुमने क़त्ल नहीं किया लेकिन तुम रोकने में नाकाम रहे हो इस लिए तुम्हारे मर्द होने में शक है / अब तो जनता को भी सोचना होगा कि जब देश का कानून का मंत्री ऐसे आरोप किसी पर लगता है तो उसमे कोई कानूनी बात तो अवश्य ही होगी अन्यथा ऐसे ही कोई किसी पर आरोप नहीं लगाता /

अब इस बात का शक तो हमें भी है कि देश का प्रधान मंत्री शारीरिक क्षमता के द्वारा नहीं और न ही जनता के द्वारा डिरेक्ट नहीं चुना जाता उसे तो सांसद ही चुनते है बहुमत के आधार पर जहां शारीरिक क्षमता कि कोई जरूरत ही नहीं है , लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी ५६ इंच चौड़ी छाती के बल पर प्रधान मंत्री बनना चाहता है तो उसे अपने मर्द होने का सबूत तो जनता को ही देना होगा / अब यह उस पर निर्भर करता है कि एक सक्षम शासक होने के लिए उसे सभी नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व निभाना ही होगा और अगर ऐसा नहीं कर सकता हो तो उसे मर्द कहलाने या ५६ इंच चौड़ी छाती/ सीना होने का गर्व क्योंकर हो सकता है / भले ही मुहावरे का अर्थ पौरुष क्षमता न माप कर केवल चारित्रिक क्षमता से होना चाहिए क्योंकि तमाम सरकारी सेवाओं में केवल स्वस्थ और क्वालिफाइड होना ही सरकारी कर्मचारी बनाने का एकमात्र विकल्प है लेकिन फ़ौज और पुलिस और विभिन्न सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए ३२-३४ या ३४-३६ इंच सीने होने का प्रावधान ही है /

बहुत खोजने पर भी तेन्दुए के दर्शन अभी तक नहीं हो पाये हैं , लेकिन खोज करने पर ५६ इंच का सीना होने तो एक अपवाद ही है,हाँ एक उद्धरण जरूर मिलता है लखनऊ के एक नवाब थे जिनका सीना तो वास्तव में ही ५६ इंच का होने का प्रमाण भी कही न कही मिल ही जाएगा लेकिन उनके मर्द होने का प्रमाण तो इसी बात से मालूम होता है उनके हरम में ३६५ बेगमें थी ! परन्तु एक सक्षम प्रधान मंत्री होने के लिए उस व्यक्ति के इर्द गिर्द प्लस २७२ व्यक्तियों के समर्थन का आंकड़ा जरूर होना चाहिए अन्यथा “आपकी” तरह न दिल मिला पाये और न ही दिल्ली मिल पाई, न तो घर के रहे और न घात के , एस पी सिंह, मेरठ !!

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