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हिन्दू, हिंदी,हिंदुस्तान हिन्दुत्त्व . ; कौआ और कोयल !!!!

पाठक नामा -
पाठक नामा -
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स्वतंत्रता के पश्चात आज हम स्वयं के संविधान के अनुसार अपना शासन चलाते है जहां पिछले ६७ वर्षो में सत्ता परिवर्तन बहुत ही सफलता पूर्वक होता चला आया है और यही हमारे सच्चे लोकतंत्र की मर्यादा का कमाल है ! हमारा अपना स्वतन्त्र संविधान है, भले ही देश का बंटवारा जनसँख्या के धार्मिक आधार पर हुआ परन्तु पाकिस्तान के इस्लामिक (मुस्लिम) देश के विपरीत हमने सभी धर्मो का आदर करते हुए अपने देश का संविधान सोसलिस्ट सेक्युलर प्रजातांत्रिक गणराज्य के रूप में स्वीकार किया है !!
THE CONSTITUTION OF INDIA
WE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly
resolved to constitute India into a 1
[SOVEREIGN
SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC] and
to secure to all its citizens:
JUSTICE, social, economic and political;
LIBERTY of thought, expression, belief, faith and
worship;
EQUALITY of status and of opportunity;
and to promote among them all
FRATERNITY assuring the dignity of the individual
and the 2
[unity and integrity of the Nation];
PART I
THE UNION AND ITS TERRITORY
1. (1) India, that is Bharat, shall be a Union of States.
1
[(2) The States and the territories thereof shall be as
specified in the First Schedule.]
(3) The territory of India shall comprise
(a) the territories of the States;
2
[(b) the Union territories specified in the First
Schedule; and]
(c) such other territories as may be acquired.
2. Parliament may by law admit into the Union, or
establish, new States on such terms and conditions as it
thinks fit.
जब से हिन्दुत्त्व वादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई है तभी से एक चर्चा हिंदी / हिन्दू /हिन्दुत्त्व/ हवा में यानि मीडिया में चलती रहती है और इसमें सबसे आगे हिन्दुत्त्व के पुरोधाi संघ परिवार सबसे आगे रहता/ कभी लव जिहाद की आड़ में तो कभी हिन्दू राष्ट्र का अलाप ?
यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि, हजारो वर्षो की गुलामी (पहले छोटी छोटी रियासतें रजवाड़ों को परास्त करके मुगलो ने इस भारत भूभाग पर शासन किया उसके बाद मुगलो और हिन्दू राजाओं को परास्त करके अंग्रेजों ने भी दो सौ वर्षों तक इस देश पर राज्य किया ) के बाद जब यह देश आजाद तो हुआ, पर उसमे भी एक डंक लग ही गया बटवारा धार्मिक आधार पर हुआ बटवारा जिसमे मुस्लिमो को पाकिस्तान और भारतियों को हिन्दुस्तान यानि कि भारत के रूप में दो नहीं तीन खंडो में हुआ — पाकिस्तान -पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के रूप में भारत जिसमे कुल मिला कर लभग ५६७ देशी रियासते थी |

अब हमें यह कहने में कोई संकोच होना ही नहीं चाहिए कि १९४७ में भारतीय भू भाग का बटवारा पंडित जवाहर लाल नेहरू और मुस्लिमों के एक मात्र नेता मिस्टर जिन्ना की जिद का ही परिणाम था जो धार्मिक आधार पर दो देश अस्त्तित्व में आये और उस बंटवारे के दंश को जिसने भुगता है वह आज भी उस क्षण को याद करते हुए दहल जाते है और उनके मुंह से एक सिसकी सी निकल ही जाती है ? तब से अब तक कितना ही पानी नदी नालो में बह कर समुद्र में मिल चूका है तीसरी और चौथी पीढ़ी के भारत माँ के सपूत देश के निर्माण में दिन रात लगे हुए है ? फिर भी देश जहाँ चार कदम आगे बढ़ कर दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर और आँख में आँख डाल के चलने की हिम्मत जुटा पा रहा है जहां तीसरी और चौथी पीढ़ी के होनहार नवयुवक, डाक्टर/वैज्ञानिक/इंजीनियर देश ही नहीं दुनिया में एक नई क्रांति रचने को बेताब है और अंतरिक्ष में मंगल ग्रह का भी मान मर्दन करने को दो कदम आगे बढ़ गए है ? वहीँ दूसरी ओर वोट बैंक की राजनीति करने वाले बीमार संकीर्ण मानसिकता के लोग जो देश के स्वयंभू ठेकेदार होने का दावा करके देश को केवल एक हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगने से बाज ही नही आ रहे है ?

हमें ऐसा लगता है कि जहां देश इक्क्सवी सदी में जा रहा है वहां कुछ विकृत मानसिकता के लोग देश को फिर उन्नीसवी सदी में धकेलने से बाज नहीं आ रहे है और अपने हिन्दू राष्ट्र के राग को यदा कदा अलाप ही देते है यह उसी प्रकार है| कौआ कको धन हर लेता कोयल किसको दे देती है केवल मीठे बोल सुना कर सबके मन को हर लेती है ,अब यह कौआ भी बड़ी अजीब पक्षी है जिसमे कुछ इंसानी गुण भी विद्धमान होते है यह पक्षी ऐसा है जो जो अपना घोसला बनाने में लोहे के तारों एवं सबसे मजबूत लकड़ियों का उपयोग करता है ? लेकिन चालाक कोयल अपने अंण्डे कव्वे के घोसले में रख देती है और चुपके से कव्वे के अंण्डे नष्ट कर देती है ? परन्तु जब अंडे में से बच्चे निकलते है तो फिर तो जैसे कमायत ही आ जाती है कोयल में खूब युद्ध होता है और अंत में कोयल के बच्चे कोयल के साथ उड़ जाते है | आज काल यही हाल आर एस एस और बी जे पी में हो रहा है ? लगभग सभी बी जे पी कार्यकर्ता बचपन से ही आर एस एस के कार्यकर्त्ता ही होते है लेकिन जब वह पूर्ण कालिक आर एस एस के पदाधिकारी हो कर जब अपनी राजनितिक शाखा बी जे पी में पदार्पण करते है तो फिर तो कमायत ही आ जाती है वर्षो से बी जे पी दंड पेल रहे कार्यकर्त्ता पीछे धकेल कर यही आर एस एस के कार्यकर्ता मुख्य मंत्री और प्रधान मंत्री भी बन ही जाते है ? जैसे दिल्ली में हुआ हरियाणा में हुआ और महाराष्ट्र में हुआ.

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